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लेखनी प्रतियोगिता -14-Sep-2022 एक दिन की रानी

राजमहल में जबरदस्त चहल पहल थी । सब लोग अपने अपने कामों में व्यस्त थे । किसी को जरा भी फुरसत नहीं थी । रमझू अभी सेवा में नया नया आया था इसलिए उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर माजरा क्या है ? उसने अपने सीनियर और संरक्षक दास गोकुल काका से पूछा कि इतनी चहल पहल क्यों है आज महल में ? गोकुल काका कहने लगा "अब क्या बताएं बेटा कि साल में एक दिन ऐसा आता है जब एक "दासी" को नहला धुला कर एक नई साड़ी पहनाई जाती है । उसका बढिया सा मेकअप किया जाता है और उसे रानी के सिंहासन पर बैठाया जाता है । उसकी पूजा की जाती है । उसकी शान में कसीदे पढे जाते हैं । सब लोग उसके जयकारे बोलते हैं और शपथ लेते हैं कि भविष्य में वे सब उसका मान सम्मान करेंगे । स्वयं राजा साहब अपने हाथों से उसे मुकुट पहनाते हैं । इस मान सम्मान से वह "दासी" गदगद हो जाती है और बाकी के 364 दिन वह सहर्ष झाड़ू पोंछा करके अपना समय व्यतीत कर लेती है । वह भी खुश, राजा साहब भी खुश और सब दरबारी भी खुश" । 
"और जनता" ? 
"पागल है क्या तू ? जनता को कोई पूछता है क्या ? जनता का काम है धक्के खाना और वह यह काम बखूबी करती है । जनता की परवाह कौन करता है" ? 
"पर ऐसा क्यों करते हैं" ? 
"भई, लोकतंत्र का जमाना है । सबके वोट चाहिए न । इस रियासत में "दास वर्ग" सबसे बड़ा है इसलिए उसे खुश करने के लिए राजा साहब ने यह तरकीब निकाली है । इसलिए हर साल 14 सितंबर के दिन महल में एक आयोजन होता है जिसमें एक दासी को रानी बना दिया जाता है । अगले ही दिन से वह रानी दासी की तरह ही 364 दिन काम करती रहती है । जबसे यह दिन मनाया जाने लगा है ,सब दास लोग राजा साहब के मुरीद बन गये हैं । बस, उन्हें वोट देते चले आ रहे हैं । उन्ही के दम पर वे बड़ी पंचायत में चुने जा रहे हैं अब तक" 

रमझू को समझ नहीं आ रहा था कि इस आयोजन से "दासी" भी क्यों खुश है " ? उसने एक दिन दासी से पूछ लिया तो दासी कहने लगी "मैं खुश इसलिए हूं कि वे लोग मुझे कम से कम एक दिन तो रानी का सा सम्मान दे देते हैं । यदि वे मुझे एक दिन की रानी नहीं भी बनाएं तो कोई क्या बिगाड़ लेगा उनका ? वे तो खानदानी राजा हैं । हम तो सदियों से गुलामी में ही जीते आये हैं । आजाद होने के बाद इतना तो अंतर आया है कि हमें एक दिन की रानी बना दिया जाता है । इतना सम्मान ही बहुत है हमारे लिए" । और वह दासी फफक फफक कर रो पड़ी । 

रमझू सोचता ही रह गया कि क्या कभी यह दासी स्थाई रूप से रानी बन सकेगी ? 


श्री हरि 
14.9.22 

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13 Comments

Mithi . S

18-Sep-2022 04:56 PM

Very nice

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shweta soni

16-Sep-2022 11:16 PM

बेहतरीन रचना 👌

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Pallavi

15-Sep-2022 09:07 PM

Beautiful part

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